Class 5: पर्यावरण अध्ययन Chapter 3 solutions. Complete Class 5 पर्यावरण अध्ययन Chapter 3 Notes.
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NCERT Solutions for 5th Class Environmental Science –(पर्यावरण अध्ययन): Chapter 3-चेखने से पचने तक
NCERT 5th पर्यावरण अध्ययन Chapter 3, class 5 पर्यावरण अध्ययन Chapter 3 solutions
प्रश्न 1.
खट्टी इमली का नाम सुनते ही झूलन के मुँह में पानी आ गया। तुम्हारे मुँह में कब-कब पानी आता है? अपनी पसंद की पाँच चीजों के नाम और उनके स्वाद लिखो।।
उत्तर:
अपना मनपसंद भोजन देखकर मैंरै मुँह में पानी आ जाता है।
मनपसंद चीजे | उनका स्वाद |
1. चाकलेट | मीठा |
2. समोसा | नमकीन, मसालेदार |
3. आइस-क्रीम | मीठा |
4. संतरा | खट्टा |
5. जलेबी | मीठा |
प्रश्न 2.
तुम्हें एक ही तरह का स्वाद पसंद है या अलग-अलग? क्यों?
उत्तर:
मुझे अलग-अलग तरह के स्वाद पसंद हैं। एक ही तरह की स्वाद से बोरियत होती है।
प्रश्न 3.
झूलन ने झुम्पा को नींबू के रस की कुछ बूंदे चखाईं। क्या कुछ बूंदों से स्वाद का पता चल सकता है?
उत्तर:
हाँ, खट्टे की कुछ बूंद से ही स्वाद का पता चल जाता है।
प्रश्न 4.
अगर तुम्हारी जीभ पर सौंफ के दाने रखें, तो क्या बिना चबाए उसे पहचान पाओगे? कैसे?
उत्तर:
हाँ, खाने की चीज को हम बिना छुए बिना चबाए उसके स्वाद और खुशबू से पहचान सकते हैं। चखने से पचने तक है 487
प्रश्न 5.
खेल में झुम्पा ने मछली कैसे पहचान ली? वे कौन सी चीजें हैं, जो तुम बिना देखे और चखे केवल सँघकर पहचान सकते हो?
उत्तर:
खेल में झुम्पा ने मछली को उसके सुगन्ध से पहचान लिया। मछली को हम बिना देखे और बिना चखे, केवल सँघकर पहचान सकते हैं।
प्रश्न 6.
क्या तुम्हारे घर पर किसी ने तुम्हें नाक बंद करके दवाई पीने को कहा है? वे ऐसा क्यों कहते हैं?
उत्तर:
नाक बंद करके दवा पीने से दवा का गन्ध नहीं लगता है। खाने के सुगन्ध पर भी खाने का स्वाद निर्भर करता है।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 24)
आँख बंद करके स्वाद पहचानो
अलग-अलग स्वाद की कुछ चीजें इकट्ठी करो और अपने साथी के साथ झूलन और झुम्पा की तरह खेल खेलो। अपने साथी को चीजें चखाओ और पूछो
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प्रश्न 1.
स्वाद कैसा था? खाने की चीज क्या थी?
उत्तर:
खाने की स्वाद मीठा था। खाने की चीज चीनी थी।
प्रश्न 2.
जीभ के कौन-से हिस्से में स्वाद ज्यादा पता चल रहा था-आगे, पीछे, बाईं या दाईं तरफ?
उत्तर:
आगे के हिस्से में स्वाद ज्यादा पता चल रहा था।
प्रश्न 3.
तुम्हें जीभ के कौन-से हिस्से में कौन-सा स्वाद ज्यादा पता चला? अपने अनुभव के आधार पर चित्र में लिखो।
उत्तर:
स्वयं करें।
प्रश्न 4.
कुछ खाने की चीजों को मुँह के किसी और हिस्से पर रखो-होठ, तालू, जीभ, के नीचे। क्या कहीं और भी स्वाद का पता चला?
उत्तर:
नहीं, स्वाद का पता कहीं और नहीं चलता है।
प्रश्न 5.
जीभ के अगले हिस्से को किसी साफ कपड़े से पोंछो ताकि वह सूखी हो जाए। अब वहाँ चीनी के कुछ दाने या शक्कर रखो। क्या कुछ स्वाद आया? सोचो, ऐसा क्यों हुआ होगा।
उत्तर:
कोई स्वाद नहीं आया क्योंकि जीभ पर लार नहीं है। जब लार भोजन में मिलता है तभी भोजन का स्वाद पता चलता
प्रश्न 6.
शीशे के सामने खड़े होकर अपनी जीभ की सतह को ध्यान से देखो। कैसी दिखती है? क्या जीभ पर कुछ दाने-दाने जैसे दिखते हैं?
उत्तर:
हाँ, मेरी जीभ पर दाने-दाने जैसे दिखते हैं।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 25)
प्रश्न 7.
अगर कोई हम से पूछे कि कच्चे आँवले या खीरे का क्या स्वाद है तो हमें सोचना पड़ेगा। तुम खाने की इन चीजों-टमाटर, प्याज, सौंफ, लौंग, आदि का क्या स्वाद बताओगे? स्वाद बताने के लिए कुछ शब्द ढूंढो और खुद से सोचकर बनाओ।
उत्तर:
खाने की चीजे | स्वाद |
टमाटर | खट्टा |
प्याज | कड़वा |
सौंफ | मीठा और सनसनी देने वाला |
लौंग | कड़वा और सनसनी देने वाला |
प्रश्न 8.
कुछ चीजें चखने के बाद झुम्पा बोली सी-सी-सी। सोचो, उसने क्या खाया होगा?
उत्तर:
झुम्पा ने मिर्च खाया होगा।
प्रश्न 9.
तुम भी इसी तरह कुछ खाने के स्वादों के लिए आवाजें निकालो। अपने साथी से कहो कि वह तुम्हारे हाव-भाव देखकर अनुमान लगाए कि तुमने क्या खाया होगा।
उत्तर:
स्वयं करो।
प्रश्न 10.
पहले रोटी का टुकड़ा या फिर कुछ चावल मुँह में डालो और तीन-चार बार चबाकर निगल जाओ।
(क) क्या चबाने से स्वाद में बदलाव आया?
उत्तर:
नहीं, कोई बदलाव नहीं आया।
(ख) अब रोटी का टुकड़ा या कुछ चावल मुँह में डालो और 20-25 बार चबाओ। क्या देर तक चबाने से स्वाद में बदलाव आया?
उत्तर:
हाँ, देर तक चबाने से भोजन मीठा हो जाता है।।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 26)
चर्चा करो
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प्रश्न 1.
घर में लोग तुम्हें कहते होंगे, खाना धीरे-धीरे खाओ, ठीक से चबाओ, खाना अच्छे से पचेगा। सोचो, वे ऐसा क्यों कहते होंगे?
उत्तर:
मेरी माँ हमेशा कहती है कि खाना धीरे-धीरे खाओ, चबा कर खाओ। क्योंकि खाना पचाने के लिए उसे अच्छी तरह चबाना आवश्यक होता है।
प्रश्न 2.
जब तुम कोई सख्त चीज जैसे अमरूद, खाते हो तो उसे मुँह में डालने से लेकर निगलने तक कौन-से बदलाव आते हैं और कैसे?
उत्तर:
जब हम अमरूद खाते हैं तो वो पहले सख्त और कड़वा लगता है फिर धीरे-धीरे मीठा और मुलायम हो जाता है।
प्रश्न 3.
सोचो, हमारे मुँह में लार क्या-क्या काम करती होगी?
उत्तर:
लार हमारे भोजन को मुलायम और मीठा बनाता है तथा ये पाचन में भी मदद करती है।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 27)
दिल की बात
प्रश्न 1.
तुम्हें क्या लगता है शरीर में खाना कहाँ-कहाँ जाता होगा? दिए गए चित्र में खाना जाने का रास्ता अपने मन से बनाओ। अपने साथी का चित्र भी देखो। क्या तुम्हारा चित्र और साथी का चित्र एक जैसा है या अलग?
उत्तर:
मुँह से खाना पेट तक जाता है। मेरे और मेरे साथी का चित्र एक समान है।
प्रश्न 2.
क्या तुमने किसी को कहते सुना है, मेरे पेट में चूहे कूद रहे हैं। तुम्हें क्या लगता है, भूख लगने पर सचमुच पेट में चूहे कूदते हैं?
उत्तर:
हाँ, मैंने अक्सर लोगों को कहते सुना है कि भूख के मारे पेट में चूहे कूद रहे है। पेट में चूहे कभी नहीं कूदते, भूख लगने पर पेट में कुछ हलचल जैसा महसूस होता है। पेट में चूहे कूदना एक मुहावरा है जिसका अर्थ है जोरों की भूख लगनी।
प्रश्न 3.
तुम्हें कैसे पता चलता है कि तुम्हें भूख लगी है?
उत्तर:
जब मुझे भूख लगती है, तो मेरे पेट में अजीब सी हलचल होने लगती है।
प्रश्न 4.
सोचो, अगर तुम दो दिन तक कुछ भी न खाओ तो क्या होगा?
उत्तर:
अगर हम दो दिनों तक कुछ भी न खाएँ तो कमजोर और बीमार हो जाएँगे।
प्रश्न 5.
क्या तुम दो दिन तक पानी के बिना रह सकते हो? सोचो, जो पानी हम पीते हैं, वह कहाँ जाता होगा?
उत्तर:
नहीं हम एक दिन भी बिना पानी के नहीं रह सकते। पानी हमारे शरीर के बहुत कार्य में मदद करता है जैसे पाचन में, उत्सर्जन में आदि। शरीर का ज्यादातर पानी मूत्र और पसीने के द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 28)
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प्रश्न 1.
तुम्हें याद होगा कि तुमने चौथी कक्षा में नमक-चीनी का घोल बनाया था। नीतू के पिताजी ने भी उसे यही घोल दिया। सोचो, उल्टी-दस्त होनेपर यह घोल क्यों देते होंगे?
उत्तर:
उल्टी होने पर शरीर से पानी, नमक और चीनी निकल जाता है जिसे पूरा करने के लिए यह घोल दिया जाता है।
प्रश्न 2.
क्या तुमने कभी ग्लूकोज शब्द सुना है या लिखा हुआ देखा है? कहाँ?
उत्तर:
हाँ, हमने ग्लूकोज शब्द सुना है और ग्लूकोज के डिब्बे पर ग्लूकोज लिखा हुआ देखा है। मैंने टीवी पर विज्ञापन में भी ग्लूकोज देखा है।
प्रश्न 3.
क्या तुम्हें या तुम्हारे घर में कभी किसी को ग्लूकोज चढ़ाया गया है? कब और क्यों? उसके बारे में अपने साथियों को बताओ।
उत्तर:
मेरे घर में मेरे दादाजी को ग्लूकोज चढ़ाया गया था जब वो हॉस्पिटल में भर्ती थे।
प्रश्न 4.
नीतू की टीचर उसे हॉकी खेलते समय बीच-बीच में ग्लूकोज पीने को कहती हैं। सोचो, वह खेल के दौरान ग्लूकोज क्यों पीती होगी?
उत्तर:
खेलने से या दौड़ने से शरीर से बहुत पसीना निकलता है जिससे कमजोरी होती है इसलिए खेलने के दौरान ग्लूकोज पीते रहना चाहिए।
प्रश्न 5.
चित्र देखकर बताओ, नीतू को ग्लूकोज कैसे चढाया गया?
उत्तर:
नीतू को ग्लूकोज एक सूई के द्वारा चढ़ाया गया।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 31)
सोचो और चर्चा करो
प्रश्न 1.
अगर डॉ. बोमोंट की जगह तुम होते तो पेट के रहस्य जानने के लिए क्या-क्या प्रयोग करते? उन प्रयोगों के नतीजे भी बताओ?
उत्तर:
पेट के रहस्य जानने के लिए मैं इंटरनेट से जानकारी इकट्ठा करूंगा।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 33)
चर्चा करो
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प्रश्न 1.
तुम्हें क्या लगता है, रश्मि पूरे दिन में एक ही रोटी क्यों खाती होगी?
उत्तर:
रश्मि बहुत ही गरीब परिवार से थी इसलिए वह पूर दिन में एक रोटी से अधिक नहीं खा पाती थी।
प्रश्न 2.
क्या कैलाश को खेल-कूद में दिलचस्पी होगी?
उत्तर:
कैलाश बहुत मोटा था। मोटा आदमी सुस्त और आलसी होता है। इसलिए कैलाश को खेल-कूद में दिलचस्पी नहीं होगी।
प्रश्न 3.
सही खाने से तुम क्या समझते हो?
उत्तर:
जिस खाने से सही पोषण मिले, वही सही खाना है।
प्रश्न 4.
तुम्हारे हिसाब से रश्मि और कैलाश का खाना ठीक क्यों नहीं है? लिखो।
उत्तर:
रश्मि जरूरत से कम खाती है, जबकी कैलाश घर का खाना नहीं खाता। वो बाजार का चिप्स, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक, वगैरह लेता है। दोनों ही सही नहीं हैं।
पता करो
प्रश्न 1.
दादा-दादी से पूछो कि जब वे तुम्हारी उम्र के थे तब वे एक दिन में क्या-क्या काम करते थे? क्या खाते थे और कितना? अब तुम अपना सोचो, तुम जो खाते हो और जो काम करते हो, क्या उनके जैसा है या उनसे अलग?
उत्तर:
मेरे दादा दादी जब मेरे उम्र के थे तो वे दाल, चावल, हरी सब्जियाँ, ताजे फल, आदि खाते थे और दूध पिया करते थे। वे मीलों पैदल चलते थे और बागवानी करते थे। हम दाल चावल के साथ-साथ बाजार के बने समान ज्यादा खाते हैं। हम स्कूल बस से जाते हैं। टीवी और कम्प्यूटर पर ज्यादा समय बिताते हैं। हम कोई व्यायाम या शारीरिक परिश्रम नहीं करते।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 34)
सोचो और चर्चा करो
प्रश्न 1.
क्या तुम किसी ऐसे बच्चे को जानते हो जिसे दिनभर भी खाने को कुछ नहीं मिलता? इसके क्या-क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, मेरे पड़ोस में एक बच्चा है जिसे दिन भर कुछ खाने को नहीं मिलता। क्योंकि उसकी माँ दिन भर मजदूरी करती है और शाम में ही अपने बच्चों को खाना दे पाती है।
प्रश्न 2.
क्या तुमने कभी ऐसे गोदाम देखा है जहाँ बहुत सारा अनाज रखा हो? कहाँ?
उत्तर:
हाँ, हमने अनाज का गोदाम देखा है जिसमें बहुत सारा अनाज रखा है। ये हमारे घर से थोड़ी दूरी पर है। हम क्या समझे।
प्रश्न 3.
जब तुम्हें जुकाम होता है तो खाना बेस्वाद क्यों लगता है?
उत्तर:
जुकाम होने पर हमारी नाक बन्द हो जाती है। स्वाद का पता खाने के सुगन्ध से ही चलता है। इसलिये नाक बंद होने से खाना बेस्वाद लगता है।
प्रश्न 4.
अगर ऐसा कहा जाए-हमारा मुँह ही पचाना शुरू कर देता है तो तुम कैसे समझाओगे? लिखो?
उत्तर:
हमारे मुँह से एक तरह की लार निकलती है। इस लार से मुँह में ही पाचन क्रिया शुरू हो जाती है।
प्रश्न 5.
सही खाना न मिले तो बच्चों क क्या-क्या परेशानी हो सकती है?
उत्तर:
सही खाना न मिलने पर बच्चे कमजोर और बीमार हो जाते हैं।
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NCERT Solutions for 5th Class Environmental Science –(पर्यावरण अध्ययन): Chapter 3-चेखने से पचने तक
Chapterwise NCERT Solutions for Class 5 Environmental Science – (पर्यावरण अध्ययन) :
- Chapter 1 कैसे पहचाना चिंटी ने दोस्त को ?
- Chapter 2 कहानी सपेरों की
- Chapter 3 चेखने से पचने तक
- Chapter 4 खाएं आम बारहों महीने
- Chapter 5 बीज ,बीज ,बीज्
- Chapter 6 बूँद -बूँद ,दरिया -दरिया
- Chapter 7 पानी के प्रयोग
- Chapter 8 मच्छरों की दावत ?
- Chapter 9 डायरी : कमर सीधी ऊपर चढ़ो ?
- Chapter 10 इमारतें
- Chapter 11 सुनीता
- Chapter 12 खत्म हो जाए तो ?
- Chapter 13 बसेरा ऊँचाई पर
- Chapter 14 जब धरती काँपी
- Chapter 15 उसी से ठंडा उसी से गर्म
- Chapter 16 कौन करेगा यह काम ?
- Chapter 17 फांद ली दीवार
- Chapter 18 जाएँ तो जाएँ कहाँ
- Chapter 19 किसानों की कहानी-बीज की जुबानी
- Chapter 20 किसके जंगल ?
- Chapter 21 किसकी झलक किसकी छाप?
- Chapter 22-फिर चला काफिला
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