NCERT Solutions for 5th Class Environmental Science –(पर्यावरण अध्ययन): Chapter 19-किसानों की कहानी-बीज की जुबानी
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Class 5: पर्यावरण अध्ययन Chapter 19 solutions. Complete Class 5 पर्यावरण अध्ययन Chapter 19 Notes.

NCERT Solutions for 5th Class Environmental Science –(पर्यावरण अध्ययन): Chapter 19-किसानों की कहानी-बीज की जुबानी

NCERT 5th पर्यावरण अध्ययन Chapter 19, class 5 पर्यावरण अध्ययन Chapter 19 solutions

(पृष्ठ संख्या 175)
बताओ
प्रश्न 1.
क्या तुम्हारे घर में रोटियाँ बनती हैं? किस अनाज से?
उत्तर
:
हाँ, मेरे घर में रोटियाँ बनती हैं। मेरे घर में प्रायः गेहूँ की रोटियाँ बनती हैं।

प्रश्न 2.
क्या तुमने कभी ज्वार या बाजरे की रोटी खाई है? तुम्हें कैसी लगी?
उत्तर:

हाँ, मैंने दो-तीन बार ज्वार की रोटियाँ खाई हैं, यह मुझे बहुत अच्छी लगी।

पता करो और लिखो
प्रश्न 1.
तुम्हारे घर में अनाज और दालों को कीड़ों से बचाने के लिए क्या-क्या करते हैं?
उत्तर:

मेरे घर में अनाज और दालों को कीड़ों से बचाने के लिए उसे समय-समय पर धूप में सुखाया जाता है तथा उन्हें बंद डिब्बे में रखा जाता है।

प्रश्न 2.
अलग-अलग मौसम में खेती से जुड़े त्योहार कौन-कौन से हैं? इनमें से किसी एक त्योहार के बारे में जानकारी इकट्ठी करो, जैसे-
त्योहार का नाम
किस मौसम में मनाते हैं?
किन-किन राज्यों में मनाया जाता है?
क्या-क्या पकाया जाता है?
उस त्योहार को कैसे मनाते हैं-सब मिलकर या अपने-अपने घरों में?
उत्तर:

चूँकि भारत एक कृषि प्रधान देश है अतः यहाँ खेती से जुड़े हुए कई त्योहार मनाये जाते हैं। जैसे-लोहड़ी, होली, बैशाखी इत्यादि।

लोहड़ी

त्योहार का नामलोहड़ी
किस मौसम में मनाते हैं?यह एक प्रत्येक वर्ष जाड़े के मौसम में 13 जनवरी को मनाया जाता है।
किन-किन राज्यों में मनाया जाता है?यह कई राज्यों में विभिन्न नामों से मनाया जाता है। इसे तमिलनाडू में पोंगल, कर्नाटक में येल्ला बेल्ला तथा पंजाब में लोहड़ी के नाम से मनाया जाता है।
क्या-क्या खाना पकाया जाता है?अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह का खाना पकाया जाता है। गुड़ और तिल लगभग हर राज्य में खाये जाते हैं।
उस त्योहार को कैसे मनाते हैं सब मिलकर या अपने-अपने घरों में?इसे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया। जाता है, जैसे-पंजाब में सभी लोग मिल-जुलकर इसे मनाते है। कुछ राज्यों में इसे केवल परिवार के लोगों के साथ ही मनाते हैं। गुजरात में इस अवसर पर पतंगें उड़ाई जाती है।

प्रश्न 1.
अपने घर में बड़ों से पूछो, क्या खाने की कुछ ऐसी चीजें हैं जो उनके जमाने में बनाई जाती थीं पर अब नहीं?
उत्तर:

मेरी माँ ने बताया कि उनके जमाने में तिल तथा कूटे हुए चावल को मिलाकर लड्डू बनाया जाते थे जो काफी स्वादिष्ट होता था। परन्तु आज तो लोग बाजार से केवल गजक खरीदते हैं।

प्रश्न 2.
तुम्हारे इलाके में कौन-कौन से अनाज और साग-सब्जी उगाए जाते हैं? क्या तुम्हारे इलाके में कोई ऐसी चीज उगाई जाती है जो दूर-दूर तक मशहूर है?
उत्तर:

कई तरह के अनाज और साग-सब्जी हमारे इलाके में उगाये जाते हैं, जैसे गेहूँ, मक्का, धान, आलू, आम, लीची। इनमें से लीची तथा आम दूर-दूर तक मशहूर हैं।

प्रश्न 3.
क्या इन अनाजों को पहचान सकते हो?

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उत्तर:
हाँ पहचान सकता हूँ।

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(पृष्ठ संख्या 177)
चर्चा करो
प्रश्न 1.
बाजरे के बीज ने दामजीभाई की खेती और हसमुख की खेती में, जैसे सिंचाई, जमीन जोतना, इत्यादि में क्या-क्या अंतर देखे?
उत्तर:

दामजीभाई तथा हसमुख अलग-अलग तरीके से खेती करते थे।
दामजीभाई ने खेती के परंपरागत तरीकों को अपनाते थे। वे अपने खेतों की जुताई हल-बैलों से करते थे तथा उसमें पूर्व से जमा किये गये अनाज को बीज के रूप में इस्तेमाल किया करते थे।
उसके ठीक विपरीत हसमुख ने खेती की आधुनिक तकनीकों को अपनाया। उसने अपने खेतों की ट्रैक्टर से जुताई की। उसने अच्छे बीजों को बाजार से खरीद कर अपने खेतों में बोया। खेतों में अच्छी खाद डाली। सिंचाई के लिए बिजली से चलने वाला पम्प लगवाया। उसने उन अनाजों की खेती छोड़ दी जिसकी अच्छी कीमत नहीं मिलती थी।

प्रश्न 2.
हसमुख कहता-खेती के मुनाफे से हम और तरक्की कर सकते हैं। तुम ‘तरक्की’ से क्या समझते हो?
उत्तर:

तरक्की का मतलब ज्यादा पैसे कमाना, बेहतर जीवन शैली तथा बेहतर सुविधाएँ होती हैं। लोगों के पास आधुनिक सुख सुविधाओं से लैस घर तथा खाने के पौष्टिक आहार होता है। बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ते हैं तथा बेहतर करते हैं।

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लिखो
प्रश्न 1.
तुम अपने गाँव या इलाके में क्या-क्या तरक्की देखना चाहोगे?
उत्तर:

मैं अपने गाँव या इलाके में निम्नांकित तरक्की देखना चाहूंगाअच्छी सड़क

  • 24 घंटे बिजली
  • अच्छे मकान
  • अच्छे स्कूल एवं कॉलेज
  • अच्छी चिकित्सा व्यवस्था
  • रोजगार के अच्छे एवं पर्याप्त अवसर
  • बेहतर विधि-व्यवस्था ।
  • एक बहुत अच्छी लोक परिवहन व्यवस्था
  • बड़े पार्क, बच्चों के खेलने की सुविधाओं के साथ

(पृष्ठ संख्या 178)
सोचो और चर्चा करो

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प्रश्न 1.
आगे चलकर हसमुख की खेती का क्या हुआ होगा?
उत्तर:

हसमुख के खेतों की उर्वरा शक्ति अत्यधिक उर्वरक के उपयोग के कारण खत्म हो गयी। उसके द्वारा खेती तथा ट्रैक्टर आदि के वास्ते लिए गये बैंक के कर्ज भी वह नहीं चुका पाया था। भविष्य में वह खेती नहीं कर पाया होगा।

प्रश्न 2.
दामजीभाई के बेटे हसमुख ने अपने पिता की तरह खेती करना पसंद किया। हसमुख का बेटा परेश खेती न करके ट्रक चला रहा है। उसने ऐसा क्यों किया होगा?
उत्तर:

अत्यधिक खाद तथा रसायनों के इस्तेमाल तथा एक ही फसल बार-बार उगाने के कारण खेतों की उर्बरा शक्ति खत्म हो गई थी, सभी किसानों द्वारा सिर्फ कपास उगाने के कारण उसकी कीमत भी कम मिल रही थी। हसमुख द्वारा लिये गये कर्ज न चुका पाने के कारण परेश खेती न करके ट्रक चला रहा था।

प्रश्न 3.
बीज को शक था कि जो हसमुख के साथ हुआ वह तरक्की नहीं है। तुम्हें क्या लगता है?
उत्तर:

मैं समझता हूँ कि बीज का शक सही था। खेती के नए तरीकों के द्वारा खेतों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों का शोषण होता है, जिसके कारण खेत अपनी उर्बरा शक्ति खोने लगता हैं, तथा धीरे-धीरे बंजर हो जाया करता है। भू-गर्भीय जल का सिंचाई आदिकार्यों के लिए अत्यधिक दोहन से यह जमीन में काफी नीचे चला जाता है तथा भविष्य के लिए बहुत कम जल बच जाता है। एक मशीन आदमी से ज्यादा काम कर सकता है परन्तु इससे कई लोग बेरोजगार भी हो जाते हैं।
अतः एक नजर में तो यह तरक्की लगती है परन्तु यह वास्तविक तरक्की नहीं है।

प्रश्न 4.
क्या तुम्हारे आस-पास कुछ ऐसे बदलाव हुए हैं, जिन्हें ‘तरक्की’ मानने में कुछ दिक्कतें भी हैं? क्या?
उत्तर:

बहुत सारे बदलाव होते रहते हैं जिन्हें तरक्की कह सकते हैं, पर वास्तव में उससे नुकसान भी बहुत ज्यादा होते हैं। जैसे एक झुग्गी वाले बस्ती को हटाकर बड़े होटल तथा मॉल बनाने का उदाहरण लें। इससे तो वह जगह काफी सुन्दर तथा व्यापार का केन्द्र बन जाता है। वहाँ पर अनेकों तरह व्यापारिक गतिविधियाँ बढ़ जाती है। परन्तु वे लोग जो उन झुग्गियों में रहते थे जिन्हें वहाँ से हटा दिया गया या विस्थापित हो गये को काफी दिक्कतों एवं परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिससे वे लोग काफी दुःखी हो जाते हैं।
इसे वास्तविक रूप में तरक्की नहीं माना जा सकता है।

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(पृष्ठ संख्या 179)
प्रोजेक्ट
प्रश्न 1.
तुम्हारे मन में खेती से जुड़े क्या-क्या सवाल उठते हैं? सब मिलकर कुछ सवाल बनाओ और किसी किसान से पूछो। जैसे-किसान एक साल में कितनी तरह की फसल उगाते हैं? किस फसल को कितने पानी की जरूरत होती है?
उत्तर:

मैं पास के गाँव के खेतों में गया। वहाँ एक किसान से पूछे गये प्रश्न एवं उत्तर: नीचे दिये जा रहे हैं
मैं – आप कब से खेती कर रहे हैं?
किसान – पिछले बीस वर्षों से।
मैं – आप अपने खेतों में मुख्य रूप से कौन-कौन सी फसलें उगाते हैं?
किसान – मैं अपने खेतों में मुख्य रूप से धान एवं गेहूँ उगाता हूँ।
मैं – आप अपने खेतों में धान तथा गेहूँ के अलावा और कौन-सी फसल उगाते हैं?
किसान – मैं अपने खेतों में धान तथा गेहूँ के अलावा मक्का, सरसों तथा सब्जियाँ उगाता हूँ।
मैं – आप अपने खेतों की सिंचाई किस प्रकार करते हैं।
किसान – मैं अपने खेतों की सिंचाई नहर से करता हूँ।
मैं – आपके द्वारा उगाये जाने वाले फसलों में से किसे पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है?
किसान – धान की फसल को सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2.
अपने आस-पास किसी खेत या बाड़ी पर जाओ। वहाँ लोगों से बात करो और आस-पास देखो। एक रिपोर्ट तैयार करो।
उत्तर:

शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर-मेरे एक दोस्त का फार्म हाऊस है। उस फार्म हाऊस पर एक किनारे में एक बड़ा सा मकान है। वहाँ खेती करने के लिए ट्रैक्टर, थ्रेशर, पम्पिंग सेट, वाटर पम्प, तथा अन्य कई औजार हैं। उस फार्म हाऊस पर खेती करने तथा खेतों एवं फसलों की देखभाल के लिए 6-7 आदमी रहते हैं। वे लोग वहाँ पर कई वर्षों से काम करते हैं। जब मैं वहाँ गया था खेतों में सरसों के पौधे लगे थे। सरसों के पीले-पीले फूल काफी सुन्दर लग रहे थे। वहाँ फलों के कई पेड़ भी लगे हैं। मैंने पेड़ों से तोड़कर कुछ ताजे अमरूद खाये। फार्म हाऊस पर जाना मुझे बहुत अच्छा लगा।

(पृष्ठ संख्या 180)
बाजरे के बीज का सफर-खेत से प्लेट तक
चित्रों को देखो और बताओ कि हर चित्र में क्या दिख रहा है?

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चित्र 2 में बाजरे की बाली ओखली में रखी हैं। मूसल से कूटकर बाजरे के दानों को बाली से अलग करते हैं। अलग किए गए बाजरे के दाने चित्र 3 में दिख रहे हैं। आजकल यह काम हाथ से नहीं बल्कि एक बड़ी मशीन ‘थ्रेशर से किया जाता है। दोनों ही एक काम करने के तरीके हैं जिन्हें हम तकनीक भी कह सकते हैं।

प्रश्न 3.
चित्र-4 में दिखाई चक्की में क्या हो रहा होगा?
उत्तर:

चित्र-4 में दिखाई गई चक्की में बाजरे को पिसा जा रहा है।

प्रश्न 4.
फिर चित्र-5 और 6 में किस तकनीक से आटा तैयार किया गया होगा?
उत्तर:

चित्र 5 में आटे को तश्तरी में रखा गया है, उसमें पानी मिलाकर आटे हाथों से गूंधा गया है। चित्र 6 में गूंधा हुआ। आटा दिखाया गया है।

प्रश्न 5.
छलनी का इस्तेमाल कब किया गया होगा?
उत्तर:

आटे को चक्की में पीसने के बाद छलनी का इस्तेमाल उसे छानने में किया गया होगा।

प्रश्न 6.
चित्र 7 में क्या किया जा रहा है?
उत्तर:

चित्र 7 में गूंधे हुए आटे से रोटी बनाई जा रही है।

प्रश्न 7.
चित्र 8 में क्या किया जा रहा है?
उत्तर:

चित्र 8 में रोटी को तवे पर पकाया जा रही है।

प्रश्न 8.
चित्र 7 में क्या किया जा रहा है?
उत्तर:

चित्र 7 में पकी हुई रोटियाँ प्लेट में रखी गई है, जो कि खाने के लिए तैयार रोटियाँ हैं।

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(पृष्ठ संख्या 181)
हम क्या समझे
प्रश्न 1.
हमारे खाने में कई बदलाव आए हैं। ऐसा कैसे कह सकते हैं? बाजरे के बीज की कहानी और बड़ों से मिली जानकारी के आधार पर लिखो।
उत्तर:

हमारे खाने में कई तरह के बदलाव आये हैं। पहले लोग तरह-तरह के अनाजों की रोटियाँ खाया करते थे, परन्तु आज रोटियाँ मुख्य रूप से गेहूं के आटे से ही बनाया जाता है। मेरी माँ बताती हैं कि पहले आटे के लिए गेहूँ के दानों से गंदगियाँ हाथों से चुन कर निकाली जाती थी, फिर गेहूं को पानी से धोया जाता था। धोने के बाद उसे धूप में सुखाया जाता था। गेहूँ को सुखाने के बाद उसे चक्की पर ले जाया जाता था जहाँ गेहूँ को पीसकर आंटा बनाया। जाता था। कम गेहूँ को पीसने के लिए दादी माँ लोग घर पर ही चक्की में उसे पीस लिया करती थी। परन्तु आज पिसा हुआ गेहूं का आटा पैकटों में उपलब्ध है। प्रायः सभी घरों में पैकेटों में बंद आटा ही खरीदा जाता है। मैं एक बार गेहूं के दानों को देखकर पहचान नहीं सका कि यही गेहूँ के दाने हैं, हालाँकि मैंने गेहूँ के दानों को फोटो में देखा था। मैं यह जानकर भी हैरान हो गया कि चावल दरअसल धान से प्राप्त किये जाते हैं। हममे से बहुत सारे लोग आज बने-बनाये (इन्सटेन्ट) खाना, जैसे नूडल, पास्ता, ब्रेड आदि पसंद करने लगे हैं। मैं समझता हूँ कुछ सालों बाद लोग परंपरागत भोजन बनाना भी भूल जायेंगे।

प्रश्न 2.
अगर सभी किसान एक ही तरह के बीज बोएँ, एक ही तरह की फसल उगाएँ, तो क्या होगा?
उत्तर:

यदि सभी किसान एक ही तरह के बीज बोने लगें तथा फसल उगाने लगें तो स्थिति बहुत ही मुश्किलों भरी हो। जायेंगी। इससे हमलोगों को तरह-तरह की चीजें खाने को नहीं मिलेंगी। हमलोग एक ही तरह की चीज खा-खाकर थक जायेंगे। चूँकि भोजन जिन्दगी की मुख्य आवश्यकताओं में से एक है इसलिए यदि ऐसी स्थिति हुई तो दुनिया बेस्वाद हो जायेगी।

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