NCERT Solutions for 8th Class Hindi: Chapter 6-भगवान के डाकिए
NCERT Solutions for 8th Class Hindi: Chapter 6-भगवान के डाकिए

Class 8: Hindi Chapter 6 solutions. Complete Class 8 Hindi Chapter 6 Notes.

NCERT Solutions for 8th Class Hindi: Chapter 6-भगवान के डाकिए

NCERT 8th Hindi Chapter 6, class 8 Hindi Chapter 6 solutions

पृष्ठ संख्या: 32

प्रश्न अभ्यास

कविता से

1. कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया हैं ? स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर 

कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए कहे गए हैं क्योंकि ये भगवान का सन्देश पहुंचाने का काम करते हैं। वे बतलाते हैं हैं की जिस तरह बादल और पक्षी दूसरे देश में जाकर भी भेदभाव नही करते उसी तरह हमें भी आचरण करना चाहिए। 

2. पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन – कौन पढ़ पाते हैं ? सोच कर लिखिए।

उत्तर 

पक्षी और बादल द्वारा लायी गई चिट्ठियों को पेड़ – पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं। प्रकृति के ये विविध उपादान पक्षी और बादल से प्रभावित होते हैं। इन्हें उनकी भाषा भली प्रकार समझ में आ जाती हैं।

3. किन पंक्तियों का भाव है :
(क) पक्षी और बादल प्रेम , सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।

(ख) प्रकृति देश-देश में भेद भाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।

उत्तर

(क) पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधें, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।

(ख) और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।

4. पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं ?

उत्तर

पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ भगवान के द्वारा भेजा हुआ एकता और सद्भावना का सन्देश पढ़ पाते हैं। इसपर अमल करते नदियाँ समान भाव से सभी लोगों में अपने पानी को बाँटती है। पहाड़ भी समान रूप से सबके साथ खड़ा होता है। पेड़-पौधें समान भाव से अपने फल, फूल व सुगन्ध को बाँटते हैं, कभी भेदभाव नही करते। इस प्रकार यह सब भगवान के इस सन्देश को समस्त संसार में प्रचारित करते हुए सद्भावना का सन्देश देते हैं।

5. ”एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है”-कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

एक देश की धरती अपने सुगन्ध व प्यार को पक्षियों के माध्यम से दूसरे देश को भेजकर सद्भावना का संदेश भेजती है। भाव यह है कि जब एक जगह की धरती अपनी भूमि में उगने वाले फूलों की सुगन्ध को, पानी को, बदलों के रूप में भेजते हुए नही झिझकती अर्थात्‌ भेदभाव नहीं करती बल्कि समान भाव से अपना प्रेम संदेश भेजती है तो हम मनुष्य क्यों नहीं इस भावना से प्रेरित होकर आपस में सद्भावना बनाए रखते।

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पाठ से आगे

1. पक्षियों और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?

उत्तर

पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम प्रेम, सौहार्द और आपसी सद्भाव की दृष्टि से देख सकते हैं। मनुष्य इससे बेहद कुछ सीख सकता है। उसे आपस में प्रेम, भाईचारा रखना चाहिए। तथा सभी को सामान रूप से गले लगाना चाहिए।

2. आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इन्टरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इन्टरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।

उत्तर

इन्टरनेट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बात पहुँचाने का  ही सरल तथा तेज माध्यम है। इसके द्वारा हम किसी व्यक्तिगत रायों को जान सकते हैं किन्तु पक्षी और बादल की चिट्ठियाँ हमें भगवान का सन्देश देती हैं। पक्षी और बादल प्रकृति के अनुसार काम करते हैं किंतु, इन्टरनेट मनुष्य के अनुसार काम करते है। पक्षी और बादल की भूमिका पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुंदर रखने की होती है किंतु, इन्टरनेट पर्यावरण को स्वच्छता प्रदान नहीं करता। पक्षी और बादल का कार्य प्रकृति-प्रेमी को प्रभावित करती है किंतु, इन्टरनेट विज्ञानं प्रेमी को प्रभावित करती है।

3. हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका पर दस वाक्य लिखिए।

उत्तर

हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका अत्यन्त महत्तपूर्ण है। खाकी पैंट और खाकी कमीज़ पहने, कंधे पर खाकी झोला लटकाए जब वह सामने से गुजरता, तो उसकी ओर सबकी दृष्टि अनायास खिंच जाती है। भले ही अब कंप्यूटर और इ-मेल का ज़माना आ गया है पर, डाकिया का महत्व अभी भी उतना ही बना हुआ है जितना पहले था। डाकिया ग्रामीण जन-जीवन का एक सम्मानित सदस्व माना जाता है। डाकिया केवल संदेश-दाता नहीं, अर्थ दाता भी है। डाकिया का कार्य बड़ा कठिन होता है। वह सुबह से शाम तक चलता ही रहता है। डाकिया कम वेतन पाकर भी अपना काम अत्यन्त परिश्रम और लगन के साथ सम्प्पन्न करता है। गर्मी, जाड़ा और बरसात का सामना करते हुए वह समाज की सेवा करता है। डाकिया एक सुपरिचित व्यक्ति है। उससे हमारा व्यक्तिगत संपर्क होता है। हमें उसपर सहानुभूति दिखानी चाहिए।

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Chapterwise NCERT Solutions for 8th Class Hindi Vasant

Chapter 1 ध्वनि
Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ
Chapter 3 बस की यात्रा
Chapter 4 दीवानों की हस्ती
Chapter 5 चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
Chapter 6 भगवान के डाकिये
Chapter 7 क्या निराश हुआ जाए
Chapter 8 यह सबसे कठिन समय नहीं
Chapter 9 कबीर की साखियाँ
Chapter 10 कामचोर
Chapter 11 जब सिनेमा ने बोलना सीखा
Chapter 12 सुदामा चरित
Chapter 13 जहाँ पहिया हैं
Chapter 14 अकबरी लोटा
Chapter 15 सूरदास के पद
Chapter 16 पानी की कहानी
Chapter 17 बाज और साँप
Chapter 18 टोपी

Chapterwise NCERT Solutions for Class 8 Hindi Durva

Chapter 1 -गुड़िया कविता
Chapter 2-दो गौरेया (कहानी)
Chapter 3-चिट्ठियों में यूरोप (पत्र)
Chapter 4-ओस (कविता)
Chapter 5-नाटक में नाटक (कहानी)
Chapter 6-सागर यात्रा (यात्रा वृत्तांत)
Chapter 7- उठ किसान ओ (कविता)
Chapter 8-सस्ते का चक्कर (एंकाकी)
Chapter 9-एक खिलाड़ी की कुछ यादें (संस्मरण)
Chapter 10-बस की सैर (कहानी)
Chapter 11-हिन्दी ने जिनकी जिंदगी बदल दी (भेंटवार्त्ता)
Chapter 12-आषाढ़ का पहला दिन (कविता)
Chapter 13-अन्याय के खिलाफ(कहानी)
Chapter 14-बच्चों के प्रिय श्री केशव शंकर पिल्लै (व्यक्तित)
Chapter 15-फ़र्श पर (कविता)
Chapter 16-बूढ़ी अम्मा की बात (लोककथा)
Chapter 17-वह सुबह कभी तो आएगी(निबंध)

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