CBSE Solved Sample Papers for Class 8 for Hindi – Second Term
CBSE Solved Sample Papers for Class 8 for Hindi Subject (Term 2) is given below. The solved sample papers are created as per the latest CBSE syllabus and curriculum keeping in mind the latest marking scheme.
प्रश्न -1 सर्वनाम की परिभाषा एंव भेदो के नाम लिखिए
उत्तर -1 संज्ञा के स्थान पर प्रयक्त होने वाले शब्द ‘सर्वनाम’ कहलाते है
मुख्य सर्वनाम शब्द है- मै, हम, तुम, तू, वह, वे, कौन, कोई, क्या, आदि
सर्वनाम के भेद :
(1) पुरूष वाचक सर्वनाम:जो सर्वनाम शब्द किसी पुरूष के नाम के बदले प्रयक्त किया जाये उसे पुरूषवाचक सर्वनाम कहते हैं। इनमे वक्ता अपने लिए, सुनने वाले के लिए और अन्य किसी के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग करता है, वे पुरूषवाचक सर्वनाम होते है : ये तीन प्रकार के होते हैं:
(i) उत्तम पुरूष
(ii)मध्यम पुरूष
(iii)अन्य पुरूष
(2) निश्चय वाचक सर्वनाम: इनमे दूरवर्ती या समीपवर्ती व्यक्ति, वस्तु, या बोध होता है; जैसे- वह रहा घर
(3) अनिश्चय वाचक सर्वनाम: इससे किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध नहीं होता ; जैसे – कोई रो रहा है
(4) प्रश्न वाचक सर्वनाम: इस सर्वनाम से किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में प्रश्न का बोध होता है उसे प्रश्रवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- कौन आया है
(5) सम्बंध वाचक सर्वनाम: जिस सर्वनाम से संबंध स्थापित किया जाये, उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- जो करेगा सो भरेगा, जैसी करनी वैसे भरनी
(6) निज वाचक सर्वनाम: जो सर्वनाम अपने लिए प्रयुक्त किया जाये, वह निज वाचक सर्वनाम कहलाता है : जैसे – यह नाम मै स्वयं कर लूँगा
प्रश्न -2.
(i) ‘अनु’ उपसर्ग किस शब्द में नहीं है ?
(क) अन्वीक्षण
(ख) अन्वर्थ
(ग) अतुतम
(घ) अनुवाद
(ii) कौन से शब्द में ‘इक’ प्रत्यय नहीं है?
(क) भिछुक
(ख) दैनिक
(ग) यौगिक
(घ) पछिक
(iii) ‘नशीद’ शब्द स्वर संधि का कौन सा भेद है ?
(क) दीर्घ संधि
(ख) गुण संधि
(ग) वृद्धि संधि
(घ) चण संधि
(iv) ‘पीतांबर’ शब्द का विग्रह होगा –
(क) पिता + अंबर
(ख) पिता + अंबार
(ग) पीत + अंवर
(घ) पीत + अंबर
उत्तर
(i) (ग)
(ii) (क)
(iii) (क)
(iv) (ग)
प्रश्न -3 किसी एक विषय पर निबंध लिखिए :
(क) रंगो का त्योहार – होली
(ख) महात्मा गाँधी
(ग) मेट्रो रेल
उत्तर (क) रंगो का त्योहार – होली
होली भारत के सबसे पुराने पर्वों में से है। होली एक रंगबिरंगा मस्ती भरा पर्व है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं।फाल्गुन मास की पुर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है।
यह त्योहार रंगों का त्योहार है। इस दिन लोग प्रात:काल उठकर रंगों को लेकर अपने नाते-रिश्तेदारों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ जमकर होली खेलते हैं। बच्चों के लिए तो यह त्योहार विशेष महत्व रखता है। वह एक दिन पहले से ही बाजार से अपने लिए तरह-तरह की पिचकारियां व गुब्बारे लाते हैं। बच्चे गुब्बारों व पिचकारी से अपने मित्रों के साथ होली का आनंद उठते हैं।
सभी लोग बैर-भाव भूलकर एक-दूसरे से परस्पर गले मिलते हैं। घरों में औरतें एक दिन पहले से ही मिठाई, गुझिया आदि बनाती हैं व अपने पास-पड़ोस में आपस में बांटती हैं। कई लोग होली की टोली बनाकर निकलते हैं उन्हें हुरियारे कहते हैं।
ब्रज की होली, मथुरा की होली, वृंदावन की होली, बरसाने की होली, काशी की होली पूरे भारत में मशहूर है।
आजकल अच्छी क्वॉलिटी के रंगों का प्रयोग नहीं होता और त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले रंग खेले जाते हैं। यह सरासर गलत है। इस मनभावन त्योहार पर रासायनिक लेप व नशे आदि से दूर रहना चाहिए। बच्चों को भी सावधानी रखनी चाहिए। बच्चों को बड़ों की निगरानी में ही होली खेलना चाहिए। दूर से गुब्बारे फेंकने से आंखों में घाव भी हो सकता है। रंगों को भी आंखों और अन्य अंदरूनी अंगों में जाने से रोकना चाहिए। यह मस्ती भरा पर्व मिलजुल कर मनाना चाहिए।
(ख) महात्मा गाँधी
महात्मा गांधी को ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेता और ‘राष्ट्रपिता’ माना जाता है। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था। मोहनदास की माता का नाम पुतलीबाई था जो करमचंद गांधी जी की चौथी पत्नी थीं। मोहनदास अपने पिता की चौथी पत्नी की अंतिम संतान थे।
गांधी की मां पुतलीबाई अत्यधिक धार्मिक थीं। उनकी दिनचर्या घर और मन्दिर में बंटी हुई थी। वह नियमित रूप से उपवास रखती थीं और परिवार में किसी के बीमार पड़ने पर उसकी सेवा सुश्रुषा में दिन-रात एक कर देती थीं। मोहनदास का लालन-पालन वैष्णव मत में रमे परिवार में हुआ और उन पर कठिन नीतियों वाले जैन धर्म का गहरा प्रभाव पड़ा।
जिसके मुख्य सिद्धांत, अहिंसा एवं विश्व की सभी वस्तुओं को शाश्वत मानना है। इस प्रकार,उन्होंने स्वाभाविक रूप से अहिंसा, शाकाहार, आत्मशुद्धि के लिए उपवास और विभिन्न पंथों को मानने वालों के बीच परस्पर सहिष्णुता को अपनाया।
मोहनदास एक औसत विद्यार्थी थे,हालांकि उन्होंने यदा-कदा पुरस्कार और छात्रवृत्तियां भी जीतीं। वह पढ़ाई व खेल,दोनों में ही तेज नहीं थे। बीमार पिता की सेवा करना,घरेलू कामों में मां का हाथ बंटाना और समय मिलने पर दूर तक अकेले सैर पर निकलना, उन्हें पसंद था। उन्हीं के शब्दों में उन्होंने ‘बड़ों की आज्ञा का पालन करना सीखा, उनमें मीनमेख निकालना नहीं।’
उनकी किशोरावस्था उनकी आयु-वर्ग के अधिकांश बच्चों से अधिक हलचल भरी नहीं थी। हर ऐसी नादानी के बाद वह स्वयं वादा करते ‘फिर कभी ऐसा नहीं करूंगा’ और अपने वादे पर अटल रहते। उनमें आत्मसुधार की लौ जलती रहती थी, जिसके कारण उन्होंने सच्चाई और बलिदान के प्रतीक प्रह्लाद और हरिश्चंद्र जैसे पौराणिक हिन्दू नायकों को सजीव आदर्श के रूप में अपनाया।
गांधी जी जब केवल तेरह वर्ष के थे और स्कूल में पढ़ते थे उसी वक्त पोरबंदर के एक व्यापारी की पुत्री कस्तूरबा से उनका विवाह कर दिया गया।
उन्होंने हमेशा सत्य और अहिंसा के लिए आंदोलन चलाए। गांधीजी वकालत की शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड भी गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने बंबई में वकालत शुरू की। महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे।
एक बार गांधीजी मुकदमे की पैरवी के लिए दक्षिण अफ्रीका भी गए थे। वह अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर अत्याचार देख बहुत दुखी हुए। उन्होंने डांडी यात्रा भी की।
इसके लिए गांधी जी ने हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए बहुत कार्य किये I 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोड़से नाम के व्यक्ति ने गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी I अंहिसा का पुजारी हमेशा के लिए लोगों से दूर चला गया I गांधी की समाधि राजघाट दिल्ली पर बनी हुई है।
(ग) मेट्रो रेल
दिल्ली मेट्रो रेल भारत की राजधानी दिल्ली की मेट्रो रेल परिवहन व्यवस्था है जो दिल्ली मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (DMRCL) द्वारा संचालित है। इसके वर्तमान निर्देशक मेट्रोमैन कहलाने वाले ई. श्रीधरन हैं।
दिल्ली मेट्रो का शुभारंभ 24 दिसंबर, 2002 को शहादरा तीस हज़ारी लाईन से हुआ। इस परिवहन व्यवस्था की अधिकतम गति 80 किमी / घंटा अथवा (50 मील / घंटा) रखी गयी है और यह हर स्टेशन पर लगभग 20 सेकेंड रुकती है।
दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में मेट्रो रेल एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। इससे पहले परिवहन का ज़्यादातर भार सड़क पर था। प्रारंभिक अवस्था में इसकी योजना छह मार्गों पर चलने की थी जो दिल्ली के ज़्यादातर हिस्से को जोड़ते थे। इस प्रारंभिक चरण को 2006 में पूरा किया गया। जिस युग में हम जी रह हैं वह युग विज्ञान से परिपूर्ण है।भारत में विकास बहुत तेज़ी से हो रहा है। आज भारत में भारतीय रेल तरक्की कर रही है। परंतु मेट्रो रेल भारतीय रेल से अधिक सुंदर व सुरक्षित है।भारत में मेट्रो रेल सबसे पहले कलकत्ता में चली थी। परंतु कलकत्ता की मेट्रो रेल अधिक सुंदर व सुरक्षित नहीं है। दिल्ली मेट्रो भारत में दूसरी मेट्रो है। यह बहुत उन्नत है। इसे अत्याधुनिक तरीकों से बनाया गया है। यह पूरी तरह से वातानुकूलित है। दिल्ली मेट्रो रेलवे स्टेशन भी अत्याधुनिक तरीकों से बनाए गए हैं।
दिल्ली में दो मेट्रो चलती हैं।एक जमीन से ऊपर और एक नीचे।
ऊपर वाली मेट्रो के दो रूट हैं। पहला रूट ‘रिठाला’ से लेकर ‘शाहदरा’ तक है।दूसरा रूट ‘द्वारका’ से ‘पुराना किला,प्रगति मैदान आदि’ तक है।
नीचे वाली मेट्रो का वर्तमान में एक ही रूट है।यह रूट ‘केंद्रीय सचिवालय’ से लेकर ‘विश्वविद्यालय’ तक है।
दिल्ली मेट्रो हर दो मिनट में हर स्टेशन पर आती है।
पर दिल्ली मेट्रो के ये रूट सीमित नहीं हैं।बल्कि इन रूटों का विस्तार किया जा रहा है।अब दिल्ली मेट्रो बहादुरगढ़ ,नौएडा, फरीदाबाद व गुड़गाँव तक जाएगी।
प्रश्न 4 छुटटी प्राप्ति हेतु प्राथनाचर्या जी का पत्र लिखिए |
अथवा
पुस्तक विक्रेता से पुस्तके मंगवाने के लिए पत्र लिखिए |
उत्तर
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य जी,
पब्लिक स्कूल,
वसंत कुंज, नई दिल्ली
विषय : बीमारी के कारण तीन दिन के अवकाश हेतु।
आदरणीय/मान्यवर महोदय,
सविनय निवेदन यह है की मुझे कल रात से ज्वर आ रहा है डॉक्टर ने ‘ वारयल फीवर’ बताया है और तीन दिन का विश्राम करने का परामर्श दिया है कि अस्वस्थ हो जाने के कारण मैं विद्यालय में आने में असमर्थ हूँ। बया दिनांक । 2 फरवरी से 4 फरवरी 2000 तक का चिकित्सा-अवकाश प्रदान का अनुगृहीत कीजिए।
धन्यवाद,
दिनांक : 2th जनवरी, 2000
आपका आज्ञाकारी
अभिनव कुमार,
कक्षा: आठवी ‘B’
अथवा
सेवा में,
व्यवस्थापक महोदय ,
प्रभात प्रकाशन ,
2876 , नयी सड़क,
नईं दिल्ली- 110002
मान्यवर,
आपसे अनुरोध है कि निम्नलिखित पुस्तकें बी०पो०पो० दूबारा निम्नांकित पते
पर यथाशीघ् भेजने का कष्ट करें । अग्रिम धनराशि के रूप में 200 रु० का जैक ड्राफ्ट संलग्न है ।
यह आवश्यक है कि पुस्तके नवीन संस्करण को ही हो तथा सभी अच्छी दशा में हो ।
1. प्रपात लिखी निबंद माला 6 प्रतियाँ
2. प्रभात सामान्य बिज्ञान गाइड, भाग- 3 4 प्रतियाँ
3. प्रपात हिन्दी पत्र संग्रह 6 प्रतियों
भवदीय
संजय सिह
कमरा नं, 2
दिनांक : 22. 09. 20. . . ॰
इलाहाबाद
प्रश्न 5 निम्नलिखित पंघशो में से किसी एक पूछे गए प्रश्नो के उत्तर दीजिये
मैया, कबिहिं बढ़ेगी चोटी,
कितनी बार मोहि दूध पियत मई यह अजुह है छोटी
तू जो कहित बल को बेनी ज्यो तहे है लाँबी- मोटी
काढत – गुहत नहवावत जै है, नागिन सी मुई लोटी
कायो दूध पियावित पिच -पचि, देति न माखन रोटी
सुर चिरजीवौ दोउ भैया, होर- हलधर की जोटी
प्रश्न (क) कवि और कविता का नाम लिखो |
प्रश्न (ख) कौन, किससे, क्या कह रहा है ?
प्रश्न (ग) कृषण क्या खाना चाहते है ? उन्हें क्या मिलता है ?
उत्तर – (क) कवि का नाम – सूरदास | कविता का नाम – सूरदास के पद |
उत्तर – (ख) बालक कृषण अपनी माँ यशोदा से शिकायत कर रहा है मेरी यह चोटी क्यों नही बढ़ रही है
उत्तर – (ग) बाल कृषण माखन – रोटी खाना चाहते है जबकि माता उन्हें कच्चा दूध पिलाती है
अथवा
माला तो कर में फिरै, जिभि फिरै मुख माहि |
मनवा तो चँहु दिसि फिरै, यह तो सुमिरन nanhi|
कबिरा घास न निंदिए, जो पाऊँ तलि होई |
उड़ि पड़ै जब आँखि में ; खरो दुहेली होई|
प्रश्न (क) कवि का नाम लिखिए |
प्रश्न (ख) पहले दोहे में किस ढोंग पर चोट की गयी है ?
प्रश्न (ग) दूसरे दोहे में क्या बात समझाई गयी है ?
उत्तर – (क) कवि का नाम – कबीरदास
उत्तर – (ख) पहले दोहे में माला फेरने की ढोंग पर चोट की गई है , ईश्वर समरण के लिए माला फेरना व्यथ होता है, क्योकि मनं चारो और फिरता रहता है
उत्तर – (ग) दूसरे दोहे में यह बात समझाई गयी है की हमे घास तक अर्थात छोटे व्यक्ति की भी निंदा नहीं करनी चाहिए वह भी अवसर पड़ने पर हमे परेशां कर सकता है |
प्रश्न 6 निम्नलिखित में से किन्ही तीन प्रश्नो के उत्तर दीजिये –
(क) दूध की तुलना में श्रीकृषण कौन से खाघ पदार्थ को अधिक पसंद करते है
उत्तर – दूध की तुलना में श्रीकृषण माखन रोटी ज़यदा पसंद करते है
(ख) ‘चोरी की बान में हो जु प्रवीने|’ प्रस्तुत पंक्ति में कथन की पृष्ठि भूमि स्पष्ट कीजिये |
उत्तर – चोरी की बान में सुदामा प्रवीण (चतुर) है कृष्ण सुदामा दोनों संदीपन के आश्रम में पढ़ते गुरुमाता दूारा दिए गए चने को सुदामा चोरी से सवंय खा जाते है अब सुदामा पत्नी दूारा दिए गए चावलो के उपहार को छीपा रहे है
(ग) द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा श्रीकृषण के विषय में क्या सोच रहे थे ?
उत्तर – द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा मार्ग में यह सोच रहे थे –
– क्या कृष्ण का प्रसन्ना प्रकट करना , उठकर मिलना, आदर करना, यह सब दिखावटी था?
– अरे, यह कृष्ण मुझे क्या देता, वह तो सवयं – घर दही मांगता फिरता था |
– मई तो आ ही नही रहा था यह तो उसकी (पत्नी ने ) जबर्दस्ती भेजा | अब धन एकत्र कर ले | सुदामा कृष्ण के व्यवहार से इसलिए ख़ोझ रहे थे क्योकि उन्होंने विदा करते समय उसे कुछ भी नही दिया था ” सुदामा को लग रहा था क़ि उनका आना व्यथ हो गया | वे माँग हुए चावल भी हाथ से निकल गए अर्थात जो अपनी जेब में था , वह भी गँवा आये |
(घ) मक्खन चुराने और खाते समय श्रीकृष्ण थोडा सा मक्खन बिखरा क्यों देते है
उत्तर- मक्खन चुराते और खाते समय श्रीकृष्ण थोडा सा मक्खन इसलिए बिखरा देते है क्योकि वे यह काम जल्दबाज़ी में करते है मक्खन सखायो को देते समय कुछ हिस्सा निचे गिर जाता है
प्रश्न 7 निम्नलिखित गधांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के उतर दीजिये –
हाँ, तो मेरे पुरखे बड़ी प्रसन्नाता से सूर्य के धरातल पर नाचते रहते थे | एक दिन क़ि बात है क़ि दूर एक प्रचंड प्रकाश – पिंड दिखाई पड़ा | उनकी आँखे चौंधयाने लगी | यह पिंड बड़ी तेजी से सूर्य क़ि और बढ़ रहा था | ज्यो – ज्यो पास आता जाता था , उसका आकर बढ़ता जाता था | यह सूर्य से लाखो गुना बड़ा बड़ा था | उसकी मधन आकर्षण शक्ति से हमारा सूर्य काँप उठा | ऐसा ज्ञात हुआ क़ि उस गुजराज से टकराकर हमारा सूर्य घूर्ण हो जाएगा | वैसा न हुआ |
प्रश्न :(i) सूर्य के धरातल पर कौन नाचते रहते थे ?
प्रश्न :(ii) दूर से क्या दिखाई पड़ा ?
प्रश्न :(iii) पिंड किसकी और बढ़ रहा था ?
प्रश्न :(iv) यह सूर्य से कितना बड़ा था ?
प्रश्न :(v) पिंड को आकर्षण शक्ति से सूर्य काँप क्यों उठा ?
उत्तर -(i) सूर्य के धरातल पर बूँद के पुरखे नाचते रहते थे
उत्तर -(ii) दूर से एक प्रचंड प्रकाश – पिंड दिखाई पड़ा
उत्तर -(iii) पिंड बड़ी तेजी से सूर्य क़ि और बढ़ रहा था
उत्तर -(iv) वह सूर्य से लाखो गुना बड़ा था
उत्तर -(v) गुहराज से टकराकर सूर्य नष्ट हो सकता था |
प्रश्न 8 निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नो के उतर 35-40 शब्दो में लिखिए –
(क) “पानी परात को हाथ छुओ नहि, नैनन के जल सो पग धोये | ” पंक्ति में वर्णन भाव का वर्णन अपने शब्दो में कीजिये |
उत्तर – सुदामा श्रीकृष्ण के पास दुारिका पहुचे तो उनके पैर धूल में सने थे तथा उनमे काँटे लगे थे उन्हें धोने के लिए परात में पानी मँगवाया गया | कृष्ण अपने मित्र की बुरी दशा को देखकर इतने व्याकुल हुए की उनकी आँखों से आँसू निकल आये | वे इतने भावुक हो गए की उनकी अश्रुधारा ने ही सुदामा के चरणो को धो दिया | उन्होंने परात के पानी को छुआ तक नहीं | इसकी आवश्यकता ही नही रह गयी थी |
(ख) ‘तलवार का महत्व होता है | म्यान का नहीं ‘- उक्त उदाहरण से कबीर क्या कहना चाहता है ? स्प्ष्ट कीजिये |
उतर – ‘तलवार का महत्व होता है |, म्यान का नहीं’ से कबीर यह कहना चाहता है कि असली चीज़ की कद्र की जानी चाहिए | दिखावटी वास्तु कला कोई महत्व नही होता | ईश्वर का भी वास्तविक ज्ञान जरुरी है | ढोंग – आडंबर तो म्यान के समान निरथक है | असली बह्रम को पहचानो और उसी को स्वीकारो |
(ग) मनुष्य के व्यवहार में ही दुसरो को विरोधी बना देने वाले दोष होते है | किस साखी से यह भावार्थ व्यक्त होता है |
उतर – निम्नलिखित साखी में यह भावार्थ व्यक्त होता है | जग में बैरी कोई नहीं, जो मन सीतल होई| यह आपा तूँ डाल दे, दया करे कोया ||
प्रश्न 9 निम्नलिखित में से किन्ही तीन प्रश्नो के उतर दीजिये –
(क) कहानी में मोटे – मोटे किस काम के है ? किसके बारे में और क्यों कहा गया ?
उतर- कहानी में मोटे – मोटे घर के बच्चो के बारे में कहा गया | ऐसा इसलिए कहा गया क्योकि वे कामचोर थे | यहाँ तक कि हिलकर पानी तक नहीं पीते थे | वे निठल्ले थे |
(ख) लेखक को ओस की बूँद कहा मिली ?
उतर – लेखक को ओस की बूँद एक बेर की झाड़ी पर से मिली | वह झाड़ी पर से उसके हाथ पर आ गयी थी | वह ओस की बूँद उसकी कलाई पर से सरककर उसकी हथेली पर आ गई थी |
(ग) घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा ?
उतर – साँप का शत्रु बाज है | बाज साँप को खा जाता है | सब बाज घायल हो गया तब साँप का खुश होना सवभाविक था क्योकि उसका शत्रु मरने वाला था |
(घ) गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने क्यों जड़ दिए ?
उतर – दर्जी ने खुश होकर गवरइया की टोपी पर पाँच फुँदने जड़ दिए | इससे वह सुन्दर लगने लगी |
प्रश्न 10 निम्नलिखित में से किन्ही पाँच प्रश्नो के उतर दीजिये –
(i) नेहरू जी की दो विशेषताएँ लिखिए |
उतर (क) नेहरू जी पढ़े – लिखे समझदार नेता थे |
(ख) वे सामाजिक कुरीतियो के विरुद्ध आवाज उठाते थे |
(ii) महमूद गजनवी कौन था ?
उतर – महमूद गजनवी अफगानिस्तान का सुल्तान था |
उसने भारत पर आक्रमण कर लूटा | यह बात 1000 ई. की है 1030 में उसकी मृत्यु गई |
(iii) अकबर कैसा शासक था ?
उतर – अकबर मुगल खानदान का तीसरा शासक था | वह बाबर की पोता था | अकबर का व्यक्त्तिव आकर्षक था | वह 1556 में शासक बना तथा उसने 50 वर्ष तक शाशन किया | उसने राजपूतो के साथ घनिष्ठ सबंध बनाये | अकबर ने जो ईमारत खड़ी की, वह इतनी मजबूत थी कि दुर्बल उत्तराधिकारियों के बावजूद 100 साल तक कायम रही |
(iv) अमीर खुसरो कौन थे ?
उतर – अमीर खुसरो तुर्क थे | फ़ारसी के बड़े लेखको में अमीर खुसरो बहुत बड़े कवी थे | उन्हे संस्कृत का भी ज्ञान था | उन्होंने सितार का भी आविष्कर किया | उनकी प्रसिद्धि का आधार लोकप्रचलित गीत है | आमिर खुसरो ने पहेलियाँ भी लिखी|
(v) भारत में पर्दा प्रथा कब आरंभ हुई ?
उतर – भारत में पर्दा प्रथा मुग़ल कल में आई |
(vi) कबीर की दो विशेषताएँ बताइए |
उतर – (i) कबीर समाज सुधारक थे |
(ii) वे निर्गुण ईश्वर को मानते थे |