डॉ. एस. चंद्रशेखर, सचिव, डीएसटी, भारत सरकार ने टीबीआई की नई सुविधा का उद्घाटन किया.
भारत बायोटेक के सीएमडी डॉ. कृष्णा एल्ला ने एस्पायर (ए.एस.पी.आई.आर.ई.) स्थापना दिवस व्याख्यान दिया.
डॉ. चिंतन वैष्णव, मिशन निदेशक, अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग ने एक विशेष व्याख्यान दिया.
12 मार्च 2022 को हैदराबाद विश्वविद्यालय में एस्पायर (ए.एस.पी.आई.आर.ई.) के स्थापना दिवस के अवसर पर व्याख्यान देते हुए भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के सीएमडी डॉ. कृष्णा एल्ला ने कहा, “महामारी ने दुनिया भर में विज्ञान में कई नवाचार के आविष्कार के लिए अवसर प्रदान किए हैं. मैंने देश एवं विदेश में कई विश्वविद्यालयों तथा संस्थानों को देखा है और महसूस किया कि है.वि.वि. एक ऐसा परिसर है जहाँ लगभग सभी तरह के उत्कृष्ट क्षमतायुक्त विज्ञान और इंजीनियर उपलब्ध हैं. यह नवाचार और अनुसंधान में सफलता के लिए सर्वश्रेष्ठ संयोजन है.”
डॉ. एल्ला ने आगे कहा – “हमें अपने युवाओं को पूरे जोश और उत्साह से काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि वे एक होकर नवाचार और आविष्कार में सफल हो सकें. भारत की महानता इसके 130 करोड़ लोगों की महान क्षमता है. 1997 में स्थापित हमारी कंपनी ने आज इस मुकाम तक पहुँचने के लिए उपलब्ध सभी अवसरों का सदुपयोग किया है. सफलता के लिए कड़ी मेहनत और ईमानदारी जरूरी है.”
डॉ. एस. चंद्रशेखर, सचिव, डीएसटी, भारत सरकार द्वारा उद्घाटन भाषण दिया गया. उन्होंने कहा कि समाज के लाभ और हमारे देश के विकास के लिए सभी एजेंसियों को अधिक नवाचार और अन्वेषण के लिए मिलकर काम करना होगा. डीएसटी ने पिछले तीन वर्षों में भारत में लगभग 50 सेक्शन 8 कंपनियों के लिए वित्तीय सहायता दी. हमें शोधकर्ताओं के रूप में जोखिम उठाना चाहिए और युवाओं के लिए आदर्श बनने के लिए कुछ नवीनता का परिचय देना चाहिए. है.वि.वि.-एस्पायर(ए.एस.पी.आई.आर.ई.) में स्थापित 55 स्टार्टअप सफल होने चाहिए और उन्हें इस सुविधा का प्रचार दूत (ब्रांड एंबेसडर) बनना चाहिए और नए स्टार्टअप को नवीनता का परिचय देने के लिए सहायता प्रदान करनी चाहिए.
डॉ. एस. चंद्रशेखर ने पहले टीबीआई की नई सुविधा का उद्घाटन किया और परिसर में सक्रिय रहे स्टार्टअप्स का भी दौरा किया.
है.वि.वि. के कुलपति महोदय प्रो. बी.जे राव ने अपने उद्घाटन भाषण में प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा, “हमें आगे बढ़ने और विश्वविद्यालय परिसर में डीएसटी के समर्थन से एक शोध केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता है, क्योंकि सफल होने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ पारिस्थितिक तंत्रों में से एक माना जाता है.”
इस अवसर पर अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग के मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव ने भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, “नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र एक महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि आज के युवा महसूस करते हैं कि उनके करियर के विकास के लिए नवाचार और उद्यमिता बहुत महत्वपूर्ण हैं. बुनियादी ढाँचे का विकास आवश्यक है जो अनुसंधान में नवाचार के लिए पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देता है. आगे उन्होंने कहा – “उद्यम के विचार – सफल होने चाहिए और इसके लिए सभी एजेंसियों, हितधारकों और उपलब्ध बुनियादी ढाँचे को योगदान करने की आवश्यकता है.”
इस अवसर पर एस्पायर स्टार्ट-अप्स द्वारा विकसित कुछ उत्पादों का प्रवर्तन किया गया. जी.आर.यू. एवं जी.आर.ए.डी.ई. नामक एक एग्री टेक कंपनी है, जो एग्री वैल्यू चेन में पूरी तरह से ट्रेसेबिलिटी लाने पर ध्यान केंद्रित करती है. 30एम जीनोमिक्स को, जेनेटिक डायग्नोस्टिक्स को बहुत किफायती और सुलभ बनाने की दृष्टि से शुरू किया गया है. कैंसर, संक्रामक और गैर-संक्रामक रोगों के निदान के लिए जाँच हेतु यू.आर. एडवांस्ड थेरेप्यूटिक्स अत्यधिक संवेदनशील कस्टम डिज़ाइन किए गए टैगेड मॉलिक्यूलर के विकास में अग्रणी है. ट्रांस सेल ऑन्कोलॉजिक्स ने मानव प्रेरित प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल टेक्नोलॉजी को रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ एआई और एमएल टूल्स के साथ जोड़कर न्यूरोसेफ विकसित किया है.
कार्यक्रम में पड़ोसी संस्थानों के कई प्रमुख व्यक्ति, सीईओ और स्टाफ समन्वयक और एस्पायर इनक्यूबेशन सेंटर के कर्मचारियों के अलावा, हैदराबाद विश्वविद्यालय एवं आसपास के वैज्ञानिक संगठनों के संकाय-सदस्य और कर्मचारी मौजूद थे.
एसोसिएशन फॉर साइंटिफिक परसूट्स इन इनोवेटिव रिसर्च एंटरप्राइजेज (एस्पायर) एक सेक्शन-8, गैर-लाभकारी संगठन है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न विषयों में स्टार्टअप कंपनियों के ऊष्मायन के माध्यम से हैदराबाद विश्वविद्यालय में नवाचार और उद्यमशीलता गतिविधियों का प्रबंधन करता है. हैदराबाद विश्वविद्यालय में एस्पायर (ASPIRE) नवोन्मेषी और स्थानांतरीय अनुसंधान करने वाले स्टार्टअप को बढ़ावा देता है, नवाचार पर सम्मेलन आयोजित करता है, इनक्यूबेटियों के माध्यम से स्थानीय विकास और रोजगार को बढ़ावा देता है, प्रौद्योगिकी-आधारित नवाचार से संबंधित गतिविधियों का समर्थन करता है, छात्रों और शिक्षकों में तकनीकी उद्यमिता को बढ़ावा देता है और इनक्यूबेटर, प्रौद्योगिकी केंद्र और विकास चरण केंद्र स्थापित करता है. वर्तमान में डी.एस.टी. से टी.बी.आई., डी.बी.टी. से बायोनेस्ट और डी.ई.आई.टी.वाई. से टी.आई.डी.ई., इत्यादि की सहायता से हैदराबाद विश्वविद्यालय में एस्पायर (ASPIRE) का रखरखाव किया जा रहा है.
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